कैलाश मानसरोवर तीर्थ को चीन के प्रभुत्त से मुक्त कराने के लिए गंगोत्री धाम मंदिर, गंगोत्री एवं नर्मदा मंदिर, अमरकंटक के पावन आशीर्वाद से भृगुक्षेत्र आश्रम, गंगा तट, बुलंदशहर पर महर्षि भृगु से प्रार्थना कर वैदिक मंत्रोच्चार द्वारा पौष मौनी अमावस्या, विक्रम संवत 2073, दिनांक 27 जनवरी, 2017, दिन शुक्रवार भगवान शिव धाम की मुक्ति के लिए कैलाश मानसरोवर मुक्ति आंदोलन की दिव्य स्थापना की गयी। भृगुक्षेत्र आश्रम के संस्थाक 116 वर्षीय पूज्यपाद सिद्ध संत पूर्णानंन्द जी महाराज के पावन सानिध्य में समाजसेवक, आध्यात्मिक गुरू श्री राकेश नरवर ने शिव साधना की ज्योतिर्मय यात्रा के द्वारा वैदिक संस्कृति के केन्द्र कैलाश मानसरोवर को मुक्त कराने के लिए सभी देवी, देवताओं, आराध्य देवों, दिव्य शक्तियों, कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले कैलाशी बंधुओं, अमरनाथ की यात्रा करने वाले अमरनाथी बंधुओं एवं देव की पावन नदियों से जल लाने वाले सभी शिव भक्त, भोलों का स्मरण कर इस आंदोलन के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में इस महामानव मार्ग पर चलने का दिव्य संकल्प लिया है। आंदोलन को सषक्त बनाने के लिए देव के सभी कैलाषी बंधुओं से दिव्य एवं पावन विचार-विमर्श कर यात्रा में आने वाली बाधाओं को दूर करने एवं यात्रा को सुविधायुक्त, अविरल, निर्मल, भारत सरकार को समय समय पर अवगत कराने के लिए जन आंदोलन के माध्यम से संसार के प्रत्येक शिव भक्त को एक प्लेटफार्म पर लाना। आयें हम सब मिलकर शिव ध्यान की ज्योतिर्मय यात्रा कर शिव धाम को परतंत्रता की बेड़ियो से मुक्त कराने में शिव योग की आहूति प्रदान करें।